योगी कैबिनेट में उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री बनाए गए योगेंद्र उपाध्याय अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत से ही भाजपा से जुड़ रहे हैं। छात्र जीवन में ही वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए थे।
योगेंद्र उपाध्याय ने काफी मशक्कत के बाद आगरा वासियों को गंगाजल दिलवाया। आगरा वालों को आज जो गंगाजल उपलब्ध हो रहा है उसमें योगेंद्र उपाध्याय का बड़ा हाथ है। इसलिए आगरा की जनता भी उन्हें सिर-आंखों पर बिठाती है।
1989 में बतौर पार्षद उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा। इसके बाद साल 2012 में आगरा दक्षिण से विधानसभा चुनाव जीते। इसके बाद 2017 और फिर 2022 में योगेंद्र उपाध्याय लगातार जीत हासिल करते रहे। इस बार उन्हें योगी कैबिनेट में जगह दी गई है। योगेंद्र उपाध्याय को आगरा का भागीरथ भी कहा जाता है। दरअसल आगरा में पानी की काफी किल्लत थी।
आपके राजनीतिक करियर में उस वक्त बड़ा बदलाव आया जब भाजपा के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी की नजर आप पर पड़ी और फिर इसके बाद आपको लखनऊ से भाजपा के महापौर प्रत्याशी पद के लिए चुना गया, जिसके बाद आप वर्ष 2006 में प्रथम बार लखनऊ के मेयर चुने गए। वर्ष 2012 में आपके बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए आपको दोबारा भाजपा की ओर से लखनऊ के मेयर पद के प्रत्याशी के रूप में चुना गया और आप दूसरी बार भी भारी मतों से विजयी हुए।
आपके राजनीतिक परिणामों, स्वच्छ छवि को देखते हुए और 2014 में हुए आम चुनाव में आप द्वारा दिए गए योगदान के चलते भाजपा को उत्तर प्रदेश में भारी मतों से जीत मिलने के बाद आपको 16 अगस्त, 2014 को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाया गया।
प्रत्येक वर्ग, धर्म एवं हर तबके के समाज के बीच आपकी छवि हमेशा से मिलनसार रही है। जिसकी वजह से आम जनता के बीच आप हमेशा से काफी लोकप्रिय नेता रहे हैं। इसी छवि के कारण वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा सरकार की भरी मतों से जीत हुई तब आपको प्रदेश का उपमुख्यमंत्री चुना गया, जिससे आपका कार्यक्षेत्र बढ़ गया और पूरे प्रदेश को और बेहतर बनाने का आपको मौका मिला।
उपमुख्यमंत्री के पद के साथ-साथ आपको प्रदेश के प्रमुख विभागों जैसे माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी का भी कार्य भार सौंपा गया।